दूसरा पग ही ऊपर जाते हुए सत्यलोक में वो पहुँच गया। दूसरा पग ही ऊपर जाते हुए सत्यलोक में वो पहुँच गया।
आत्मा जब परविष्ट हो उसमें तब ये कहलाता जीव है ! आत्मा जब परविष्ट हो उसमें तब ये कहलाता जीव है !
अग्नि मुख, सूर्य नेत्र हैं उनके प्राण से वायु प्रकट हुआ। अग्नि मुख, सूर्य नेत्र हैं उनके प्राण से वायु प्रकट हुआ।
श्री शुकदेव जी कहते हैं परीक्षित उपदेश प्राप्त कर पयोव्रत का । श्री शुकदेव जी कहते हैं परीक्षित उपदेश प्राप्त कर पयोव्रत का ।
एक बार योगमाया से अपनी मत्स्य अवतार धारण किया उन्होंने। एक बार योगमाया से अपनी मत्स्य अवतार धारण किया उन्होंने।
शुकदेव जी कहते हैं, परीक्षित कंस एक तो बली था स्वयं ही। शुकदेव जी कहते हैं, परीक्षित कंस एक तो बली था स्वयं ही।